रिवोल्यूशनरी टेररिस्ट शब्द हमारे स्वातंत्र्य वीरों को गाली ही है I
इन्डियन एक्सप्रेस में जे.एन.यु. की प्रोफ़ेसर मृदुला मुखर्जी का आलेख “ A History of their own” पढ़ा I वैसे उनकी बातों से कोई आश्चर्य नहीं हुआ I यह कोम्युनिस्ट लोग आर.एस.एस. के बारे में, देश के इतिहास के बारे में ऐसी ही सोच रखते है , कुछ नया नहीं है इसमें I हाँ, इस आलेख में भाषा ठीक नहीं लगी I किसीकी दुखती नब्ज़ पर पैर रख दिया हो और जो अंदर से जन जनाहट निकले, बस यही हाल मृदुला मुखर्जी का है I यह पूरा आलेख अभी अभी दिल्ही यूनिवर्सिटी में इतिहास में संशोधनार्थ संदर्भ पुस्तक “India’s struggle for independence “ में ,उस पुस्तक के लेखक बिपिन चंद्रा ने शहीद भगत सिंह के बारे में “रिवोल्यूशनरी टेररिस्ट” शब्द प्रयोग किया और उस पर उठे बबाल पर लिखा गया है I इस पुस्तक की सह लेखिका है प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी I यह पुस्तक १९८८ में लिखी गई थी और तब से दिल्ही यूनिवर्सिटी के पी.एच.डी. के अभ्यास क्रम में इतिहास की संदर्भ पुस्तक बनी हुई है I
भारत की एच.आर.डी. मंत्री स्मृति ईरानी का अपमान करने के लिए “क्वीन ऑफ़ हार्ट” जैसे शब्द कहने वाली मृदुला ने जिस घटना पर यह लिखा है उसे थोडा समज ले I शहीद भगत सिंह के परिवारजनों ने स्मृति को एक पत्र लिखकर यह मामला उठाया की इस पुस्तक में शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहा गया है I उस पर स्मृति ने तुरंत दिल्ही यूनिवर्सिटी को उचित कार्यवाही करने को कहा और दिल्ही यूनिवर्सिटी ने पाया की भगतसिंह , सुर्या सेन, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे महान शहीदों के बारे में आपति जनक बाते लिखी गई है I मृदुला ने नाटकीय अंदाज में “नेशन वोंट्स टू नो ” ऐसा लिख कर लेफ्टिस्ट और मुस्लिम फंडामेंटालिस्टो के रडार में आये हुए अर्नब गोस्वामी को भी निशाना बनाया है I श्रीमती मृदुला “नेशन वोंट्स टू नो नहीं शहीद भगतसिंह का परिवार यह जानना चाहता है और यह परिवार हमारा शिरमोर है I
आजकल कोंग्रेस और लेफ्ट की एक साँझा नियत बन गई है, कुछ भी हो राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधना और फिर दो तीन टीवी चॅनल, जो खास तौर पर इनके इर्दगिर्द घूमते है ,उस चेनल पर जा कर चिल्लाना की संघ शिक्षाका भगवाकरण करना चाहता है I यह लोग तथ्य नहीं रखते , एक तरफ़ा बाते करते है I जब इनकी गलतियाँ लोगो के सामने आ जाती है तब यह लोग छटपटा जाते है I कनैया और उमर के बारे में भी यही हुआ I उस मामले में आजतक यह लोग मूल बाते करते ही नहीं है I जवाहर लाल नहेरु यूनिवर्सिटी में जो नारे लगे वह कानून की परिभाषा में देशद्रोह है की नहीं वह अदालते तय करेगी I पर देश की बर्बादी के बारे में नारे लगाना, कश्मीर की आजादी के नारे लगाना, और खास तौर पर अफजल गुरु जिसको देश की सर्वोच्य अदालत ने फांसी दी और फांसी भी देश की सर्वोच्य पंचायत ऐसी संसद पर हमले की साजिश के लिए दी, उस अफजल के फांसी के दिन पर ऐसे कार्यक्रम कर युवाओ को गुमराह करना स्पष्ट रूप से देश विरोधी बातें है I पुरे देश में इस मुद्दे पर आक्रोश खड़ा हुआ, पब्लिक, पोलिस, प्रशासन और प्रोसिक्यूशन सभी जगह इनकी फजीहत हुई, स्वयं जे.एन.यु. ने भी उमर और कनैया को सजा दी फिर भी अपनी टंगड़ी ऊँची रखने के लिए यह लोग कनैया को पुरे देश में प्लेन में बिठाकर घुमा रहे है I आज कनैया अपने भाषण में जो बाते कह रहा है वह उसने जे एन यु केम्पस में की, जिसका संज्ञान अदालत में भी लिया गया, इस से अलग प्रकार की है I
शहीद भगतसिंह का मामला भी ऐसा ही है I ये मामला शहीद भगतसिंह के परिवार ने उठाया, पर अगर यह बाते सरकार या जनता में से किसी के भी ध्यान में आता तो भी कार्यवाही तो बनती ही थी I रिवोल्यूशनरी टेररिस्ट शब्द बन ही कैसे सकता है ? रिवोल्यूशनरी का अर्थ क्रांति से है और टेररिस्ट का अर्थ तबाही से है I क्रांति नये युग को जन्म देती है और आतंक जीवन का विनाश कर देता है I दोनो साथ नहीं आ सकते इसीलिए टेररिस्ट कभी भी क्रांतिकारी नहीं हो सकता I रिवोल्यूशनरी टेररिस्ट यह हमारी आजादी के लिए लड़ने वाले लोगो के लिए गाली है I इसका बचाव नहीं कर सकते कोम्युनिस्ट I बिपिन चंद्रा और मृदुला मुखर्जी के इस पुस्तक में सूर्यसेन , चन्द्रशेखर आजाद और इन जैसे क्रांतिकारियो के बारे मे भी ठीक बातें नहीं लिखी गई है I जोह्न सेन्दड को भगतसिंह ने मारा था इसको भी आतंकी घटना बताई गई है, पश्चिम बंगाल की चिंतागोंग मूवमेंट के लिए भी आतंकी घटना जैसे शब्द ही कहे गए है I और यह दोनों बाते एन डी टीवी की वेबसाईट पर हम देख सकते है I अर्थात यह कोई संघ परिवार या स्मृति ईरानी की मनधडंत कहानियाँ नहीं है I
मृदुला संघ पर भी आरोप लगा रही है की संघ ने कहाँ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया ? अरे मोहतरमा ! इतिहास जेएनयु के प्रोफ़ेसर एक दृष्टिकोण से पढ़ाते है वह नहीं है I डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जिन्होंने संघ की स्थापना की, स्वयं दो बार जैल जा चुके है I संघ स्थपाना से पहेले और संघ स्थापना के बाद I वह स्वयं सशस्त्र क्रांति में अग्रेसर ऐसी अनुशीलन समिति में भी कार्य कर चुके है I स्वतंत्रता के सभी आन्दोलनों में लाखो स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया है I इंदिरा गाँधी ने जब इमरजेंसी लगाई उस वक्त अभिव्यक्ति की आजादी की बाते करने वाले एक भी कोम्युनिस्ट ने विरोध नहीं किया, उलटा समर्थन किया था I तब जो आन्दोलन चला भारत मेंलोकतंत्र और व्यक्ति स्वातन्त्र के लिए उस आन्दोलन की नैया राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ ने ही पार लगाईं I
मृदुला बहनजी इस देश के इतिहास को विकृत बनाकर आपके चचरे और मौसेरे कोंग्रेसी और कम्र्युनिस्ट भाई बहेनो ने जो कर्म किये है उसे धोने ही है I आप तैयार रहे कुछ और आलेख के लिए I
Gayatri Thaker
Sara’s
Lakhyu che
सुनील जैन
नमस्कार
आप जे शब्दों नो सामान्य वात-चित मां प्रयोग करो छो, तेवा सहज शब्दो ज ब्लोग मां छे.
Mamta kale
राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित आर.एस.एस की प्रतिष्ठा को लांछन लगानेवाले एसे तत्वो को एसे ही करारा जवाब दिया जाना चाहिए ।
Mamta kale
राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित आर.एस.एस की प्रतिष्ठा को लांछन लगानेवाले एसे तत्वो को एसे ही करारा जवाब दिया जाना चाहिए ।
मृदुलाजी को कोई हक नही एसे आक्षेप लगाने का ।
Arvind mishra
बिलकुल सही लिखे सर
krushnakant parmar
Ava professor bhanavta hoy to students pan kanaiyah j bane . Bhagvan ava loko ne sadbudhhi ape…
seema dasgupta
excellent☺keep it up jii
Mahendra bhai Raval
An informative and useful article.
All the young college students must read it.
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Mukesh
विजय भाई ये सब तो ठिक है,हालाकि माफि के काबिल नही है।ये लोग, वोही कम्युनिस्ट लोग जो चाईना मे बारिश गिरती है तो यहाॅ छाता लेकर खडे हो जाते है।छाता लेकर खडे होने वालो ने अब नया मोर्चा खोला है वह है हमारे दलित भाईयो को उकसाना वो भी हिन्दु ओके खिलाफ आज कल सोश्यल मिडिया मे S.C. S.T.OBC MUSLIM EKTA ZINDABAD के बेनर तले हिंदु के साथ पुरे देश के टुकडे करना चाहते है।मै चाहता हुकी मेरे सभी हिंदु चाहे दलित हो या ओबिसी सिर्फ एक बार yogendra mandal ka weeky pedia पढ ले ।